DMC मनोज पाण्डेय पर जांच रिपोर्ट से असंतुष्ट एपीसी ओमेश्वरी नायक, कलेक्टर को भेजा आपत्ति पत्र – निष्पक्ष जांच की मांग दोहराई


कोरबा (CG ई खबर | प्रमुख संपादक : ओम प्रकाश पटेल) 
31 जुलाई 2025 : जिला समग्र शिक्षा कोरबा में पदस्थ सहायक कार्यक्रम समन्वयक (एपीसी) ओमेश्वरी नायक ने डीएमसी मनोज  पाण्डेय के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों पर गठित जांच समिति की कार्यप्रणाली और निष्कर्षों पर असंतोष जताते हुए कोरबा कलेक्टर को एक विस्तृत आपत्ति पत्र सौंपा है।

यह पत्र दिनांक 31 जुलाई को भेजा गया, जिसमें उन्होंने जांच को एकतरफा, पक्षपातपूर्ण और पूर्वनियोजित करार देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।


क्या हैं महिला अधिकारी की आपत्तियाँ?

1️⃣ सूचना का समय पर प्रसारण नहीं:
जिन अधिकारियों/कर्मचारियों को बयान हेतु बुलाया गया, उनमें से कुछ को सूचना समय पर नहीं मिली,  कई को पत्र घटना के दिन दोपहर 2:53 में  प्राप्त हुआ, जिससे वे तैयारी नहीं कर सके।

2️⃣ पूर्व-लिखित बयान:
जिन लोगों के बयान जांच दल ने दर्ज किए, उनमें से कई पहले से टाइप किए हुए बयान लेकर पहुंचे, जबकि जिन्हें देर से सूचना मिली, उनके मौखिक बयान दर्ज ही नहीं किए गए।

3️⃣ आरोपित के कक्ष की घटनाओं पर सवाल:
डीएमसी मनोज पाण्डेय द्वारा उनके कक्ष में मानसिक प्रताड़ना और अमर्यादित व्यवहार किया गया, जो की उनके कार्यालय कक्ष के अन्दर हुआ। ऐसे में अन्य अधिकारी इसका साक्षी कैसे हो सकते हैं? फिर उनके बयान को जांच में निर्णायक आधार कैसे बनाया गया?

4️⃣ महिला अधिकारी का बयान ही अनदेखा:
ओमेश्वरी नायक का कहना है कि उनके खुद के विस्तृत बयान को नजर अंदाज कर, केवल अन्य कर्मचारियों के कथन  के आधार पर मामले को खारिज कर दिया गया।

5️⃣ महत्वपूर्ण बातों को छिपाया गया:
डीएमसी द्वारा "मर्यादा में रहो" कहने के बाद की धमकी – "मैं भी मर्यादा से बाहर आ जाऊंगा" – को जांच प्रतिवेदन में शामिल नहीं किया गया।



आपत्ति का सारांश

एपीसी ओमेश्वरी नायक ने स्पष्ट किया है कि मीडिया में जिस तरह जांच रिपोर्ट को पेश किया गया है, वह उन्हें मानसिक रूप से और अधिक प्रताड़ित करने वाला है। उनका कहना है कि यह जांच निष्पक्ष नहीं है और शिकायत को दबाने का प्रयास किया गया है।

उन्होंने मांग की है कि:

  • जांच को फिर से निष्पक्ष रूप से कराया जाए
  • उनके बयान को गंभीरता से लिया जाए
  • डीएमसी मनोज पाण्डेय को जांच पूरी होने तक पद से हटाया जाए

एपीसी ओमेश्वरी नायक का स्पष्ट संदेश

"यदि कार्यालय के भीतर बंद कमरे में हुई घटनाएं किसी के सामने नहीं हुईं, तो अन्य अधिकारियों से पूछकर उस पर जांच पूरी करना न्याय नहीं है। मेरे साथ हुआ व्यवहार निंदनीय था और यदि मुझे या मेरे परिवार को कोई नुकसान होता है, तो इसकी जिम्मेदारी मनोज पाण्डेय की होगी।"


CG ई खबर की नजर लगातार इस पूरे मामले पर बनी हुई है। जल्द ही हम इससे जुड़ी प्रशासनिक प्रतिक्रिया और अगली कार्रवाई की जानकारी आप तक पहुंचाएंगे।

रिपोर्ट – CG ई खबर टीम | प्रमुख संपादक – ओम प्रकाश पटेल

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