फिरोजाबाद (CG ई खबर): पत्रकार और प्रशासन के बीच टकराव नई बात नहीं है। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार समाज की कमियों और खामियों को उजागर कर जनता तक सच्चाई पहुंचाते हैं। लेकिन इस बार पत्रकारिता पर रोक लगाने का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। इसकी सत्यता की पुष्टि CG ई खबर नहीं करता है।
मामला क्या है?
सोशल मीडिया पर फिरोजाबाद के जिला सूचना अधिकारी का एक कथित आदेश वायरल हो रहा है। इस आदेश का व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट तेजी से शेयर किया जा रहा है। स्क्रीनशॉट में साफ लिखा है –
“समस्त इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के पत्रकार बंधुओं को सूचित किया जाता है कि कोई भी ऐसा व्यक्ति जो यूट्यूब के माध्यम से जनपद में पत्रकारिता कर रहा है और जिसका सब्सक्रिप्शन 50,000 से कम है, अगर वह जनपद में पत्रकारिता करते पाया गया तो उस पर प्रेस एक्ट अधिनियम के तहत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।”
उठ रहे सवाल
👉 क्या पत्रकारिता के लिए सब्सक्राइबर का पैमाना तय किया जा सकता है?
👉 क्या 50,000 से कम सब्सक्राइबर वाले यूट्यूबर पत्रकार नहीं कहलाएंगे?
👉 क्या यह नियम सिर्फ फिरोजाबाद तक सीमित है या सभी जगह लागू होगा?
प्रतिक्रियाएं
इस कथित आदेश के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है।
- कुछ लोग इसे सरकारी तानाशाही करार दे रहे हैं।
- तो वहीं कुछ लोग इस अजीबो-गरीब फरमान का समर्थन करते दिख रहे हैं।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस कथित आदेश पर क्या आधिकारिक बयान देता है और पत्रकारिता के इस नए पैमाने की सच्चाई क्या निकलकर सामने आती है।

