निरस्त करने की मांग रखी सांसद प्रतिनिधि ने
कोरबा। एसईसीएल की दीपका परियोजना खदान विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण के वर्षों पश्चात अब परिसंपत्तियों के सर्वे की तैयारी ने क्षेत्र में बवाल खड़ा कर दिया है। पाली एसडीएम द्वारा सर्वे के दौरान आपात स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल उपलब्ध कराने को लेकर एएसपी कटघोरा को पत्र लिखे जाने के बाद हरदीबाजार क्षेत्र के भू-विस्थापितों में गहरा आक्रोश है। ग्रामीणों ने इस आदेश को तानाशाही बताते हुए तत्काल निरस्त करने की मांग उठाई है।
जानकारी के मुताबिक, दीपका परियोजना द्वारा अनुविभाग पाली अंतर्गत ग्राम हरदीबाजार की भूमि का अधिग्रहण वर्ष 2004 और 2010 में किया गया था। अब एसईसीएल द्वारा अधिग्रहित भूमि एवं परिसंपत्तियों का सर्वे कराने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसी कड़ी में पाली एसडीएम ने अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की थी।
सांसद प्रतिनिधि शेत मसीह ने इस पर कड़ा विरोध जताते हुए एसडीएम को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल का उपयोग कर जबरदस्ती सर्वे कराना अनैतिक और असंवैधानिक है।
गौरतलब है कि हाल ही में प्रशासन, एसईसीएल और भू-विस्थापितों के बीच हुई त्रिपक्षीय वार्ता में ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा था कि जब तक उनकी आपत्तियों का समाधान नहीं होगा, तब तक सर्वे नहीं होने दिया जाएगा। बावजूद इसके पुलिस बल की मांग ने विवाद को और गहरा कर दिया है।
सांसद प्रतिनिधि शेत मसीह ने कहा कि एसईसीएल प्रभावित ग्रामवासी पहले से ही पर्यावरण प्रदूषण, लंबित रोजगार, मुआवजा और बसाहट जैसे मुद्दों पर संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में सर्वे के दौरान पुलिस बल की मौजूदगी आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह कदम ग्रामीणों के मन में शासन-प्रशासन के प्रति गहरी नाराजगी पैदा करेगा।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद से खदान प्रभावितों और ठेका कर्मचारियों के साथ लगातार अन्याय हो रहा है। जनप्रतिनिधियों पर आपराधिक मामले दर्ज करना, मजदूरों और विस्थापितों का शोषण करना और निजी कंपनियों के जरिए ग्रामीणों पर दबाव डालकर मकान खाली कराना आम बात बन गई है।
मसीह ने मांग की है कि पाली एसडीएम का आदेश तत्काल निरस्त कर भू-विस्थापितों की मांगों पर ठोस पहल की जाए।