धरने पर बैठा परिवार – “हमें न्याय चाहिए”
अवल के पिता अशोक बंजारे और मां राजकुमारी बंजारे का कहना है कि—
- अवल को न्याय दिलाया जाए।
- जिम्मेदार शिक्षिका इंद्राणी पाण्डेय को तत्काल सस्पेंड किया जाए।
- शासन-प्रशासन और जिला शिक्षा अधिकारी बच्चे के इलाज का पूरा खर्च उठाएं।
गरीब मजदूर परिवार का कहना है कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि बच्चे का बड़ा इलाज करा सकें।
अब तक कोई सहायता नहीं
- शिक्षा विभाग की ओर से अब तक कोई भी सहायता राशि इस परिवार को नहीं मिली है।
- अवल की आंख की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है, लेकिन जिम्मेदारों ने आंखें मूंद ली हैं।
जांच कमेटी का नतीजा – फिर भी कार्रवाई नहीं
इस मामले में विभाग ने जांच कमेटी भी बैठाई थी।
- जांच में यह साफ हो गया कि घटना के दिन इंद्राणी पाण्डेय ड्यूटी पर अनुपस्थित थीं।
- प्रधान पाठक और अन्य शिक्षकों ने घटना की जानकारी छुपाई।
- सारे सबूत सामने आ चुके हैं, लेकिन अब तक इंद्राणी पाण्डेय पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
सवाल जो आज भी खड़े हैं
- क्या इस मामले को भी लिपापोती करके दबा दिया जाएगा?
- क्या अवल बंजारे जैसे और बच्चों को ऐसे लापरवाह शिक्षकों के हाथ में सौंपा जाएगा?
- जब सारे सबूत मौजूद हैं तो सस्पेंशन में देरी क्यों?
- मासूम की आंख की रोशनी जाने के बाद भी विभाग चुप क्यों है?
अवल बंजारे के माता पिता की मांग
- दोषी शिक्षिका इंद्राणी पाण्डेय को तत्काल निलंबित किया जाए।
- स्कूल प्रशासन और प्रधान पाठक की भूमिका की निष्पक्ष जांच हो।
- अवल बंजारे का इलाज शासन की जिम्मेदारी पर कराया जाए।
- गरीब परिवार को उचित आर्थिक मदद प्रदान की जाए।