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हाथियों के आतंक के बीच मुआवजे के लिए झूठी शिकायतें बनी नई चुनौती


सरगुजा (CG ई खबर) :
जिले में गजराज का आतंक जहां ग्रामीणों के लिए भय का कारण बना हुआ है, वहीं अब मुआवजे के नाम पर झूठी शिकायतें वनविभाग की मुसीबत बढ़ा रही हैं। ताजा मामला मैनपाट क्षेत्र का है, जहां प्रेम साय राठिया की पत्नी सुखवारो बाई की मौत के बाद हाथी के हमले का दावा किया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार, सुखवारो बाई को गंभीर हालत में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतका के पति प्रेम साय राठिया ने बयान दर्ज कराया कि 4 सितंबर की रात हाथियों का झुंड उनके घर के पास आ पहुंचा था। घबराहट में भागते समय हाथी ने पत्नी को धक्का दे दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हुई और इलाज के दौरान उसकी जान चली गई।

हाथी के हमले से मौत की खबर के बाद वनविभाग में हड़कंप मच गया। लेकिन विभाग के अधिकारियों ने दावे पर संदेह जताया है। उनका कहना है कि 2 सितंबर को हाथियों का दल मैनपाट क्षेत्र से निकलकर कापू रेंज में चला गया था और उस पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। ऐसे में 4 सितंबर को हाथी के हमले से मौत की संभावना नहीं है।

वनविभाग का यह भी कहना है कि 29 अगस्त को सुखवारो बाई के घर को हाथी ने जरूर तोड़ा था, लेकिन उस समय वह घर पर मौजूद नहीं थी। उस नुकसान का मुआवजा प्रकरण जिला कार्यालय भेजा जा चुका है। वहीं, हाथी के हमले से मौत के मामलों में 6 लाख रुपये का मुआवजा मिलता है, जिसके चलते झूठे दावे किए जाने की आशंका जताई जा रही है।

गौरतलब है कि हाल ही में पत्थलगांव क्षेत्र में हाथी के हमले से एक ग्रामीण की मौत के बाद उसकी छह पत्नियों ने मुआवजे का दावा किया था। अब मैनपाट में भी मुआवजे के लिए झूठी शिकायत की बात सामने आ रही है, जिससे वनविभाग के लिए एक और बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।

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