आउटसोर्सिंग मजदूरों के लिए वर्कशॉप में गूंजी 'स्थायीकरण' और 'शोषण मुक्ति' की मांग कुसमुंडा क्षेत्र अंतर्गत गेवरा बस्ती में वर्कशॉप का आयोजन


(कुसमुंडा/कोरबा//CG ई खबर) – 
खनन क्षेत्र के आउटसोर्सिंग एवं ठेका कंपनियों में कार्यरत मजदूरों के अधिकारों और शोषण मुक्ति के उपायों को लेकर कुसमुंडा क्षेत्र के गेवरा बस्ती स्थित मंगल भवन में एक महत्वपूर्ण वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ठेका मजदूरों की उपस्थिति रही। वर्कशॉप में मजदूरों को राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता (NCWA) से जोड़ने, स्थायीकरण की मांग उठाने तथा श्रमिक आंदोलनों को कुचलने वाली नीतियों का विरोध किया गया।

वर्कशॉप की अध्यक्षता ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने की, जबकि प्रमुख वक्ता के रूप में राष्ट्रीय कोल वर्कर फेडरेशन के महामंत्री भागवत दुबे और कोल इंडिया एसटी-एससी एसोसिएशन के अध्यक्ष आर. पी. खांडे उपस्थित रहे।


🔹 NCWA से जोड़ने और हाई पावर कमेटी का विरोध

भागवत दुबे ने अपने संबोधन में हाई पावर कमेटी की वैधता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह कमेटी संसद द्वारा गठित नहीं है, इसलिए इसका कोई संवैधानिक महत्व नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ठेका मजदूरों को NCWA के दायरे में लाया जाए और आउटसोर्सिंग व्यवस्था को समाप्त किया जाए, क्योंकि यह मजदूरों की मेहनत की कमाई पर ‘डाका’ है।

दुबे ने बताया कि 2008 से 2015 के बीच मजदूरों के स्थायीकरण के लिए जारी सरकारी आदेश पर कार्रवाई की जा रही है और यह मामला केंद्रीय श्रम आयुक्त के पास विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि मजदूरों को अपने अधिकारों की कानूनी जानकारी होनी चाहिए, तभी शोषण समाप्त हो सकेगा।


🔹 श्रमिक आंदोलन को कुचलने का आरोप

आर. पी. खांडे ने कहा कि केंद्र सरकार श्रमिक आंदोलनों को कमजोर करने के लिए यूनियनों के अधिकार छीन रही है और विरोध की आवाज़ उठाने वालों पर दमनात्मक कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि ठेका मजदूरों के बिना केंद्रीय ट्रेड यूनियनें भी टिक नहीं पाएंगी। उन्होंने ‘समान काम, समान वेतन’ की मांग को लेकर मजदूरों से एकजुट होने की अपील की।


🔹 खनन से जनजीवन और कृषि भूमि पर खतरा

अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने कहा कि देशभर में हो रहे कोयला और खनिज संसाधनों के अंधाधुंध उत्खनन से पर्यावरण, जनजीवन और कृषि भूमि पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने चेताया कि अगर यह रफ्तार जारी रही, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए खेती की जमीन नहीं बचेगी।


🔹 बड़ी संख्या में मजदूरों की भागीदारी

इस अवसर पर श्रम सेवा भूविस्थापित संघ, छत्तीसगढ़ ठेका कामगार यूनियन, और ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में ठेका मजदूर उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में अशोक पटेल, विनोद सारथी और संतोष चौहान सहित कई सहयोगियों का विशेष योगदान रहा।

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