कोरबा (CG ई खबर), 28 अक्टूबर 2025 : छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी कोरबा से एक ऐतिहासिक खबर सामने आई है। भू-विस्थापितों के अधिकारों की लंबी लड़ाई में आखिरकार न्याय की जीत हुई है। ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने बताया कि दिनांक 27 अक्टूबर 2025 को भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने एसईसीएल (South Eastern Coalfields Limited) प्रबंधन की विशेष अनुमति याचिका (Special Leave Petition – SLP (C) Diary No. 41528/2025) को खारिज कर दिया है।
यह मामला छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर के निर्णय (WA No. 250/2025, दिनांक 17 अप्रैल 2025) से संबंधित था, जिसमें उच्च न्यायालय ने भू-विस्थापित श्री राहुल जायसवाल के पक्ष में फैसला सुनाया था। यह मामला सेवा नियमों और अनुकंपा नियुक्ति से जुड़ा हुआ था।
एसईसीएल प्रबंधन ने इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी। परंतु, माननीय न्यायाधीश श्री जे.के. माहेश्वरी और माननीय न्यायाधीश श्री विजय बिश्नोई की खंडपीठ ने एसईसीएल के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद पाया कि याचिका में कोई मेरिट नहीं है, और आदेश दिया — “Delay Condoned and Matter Dismissed” (देरी स्वीकार, मामला खारिज)।
यह निर्णय केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे ऊर्जाधानी क्षेत्र के उन भू-विस्थापित किसानों और परिवारों की जीत है, जो वर्षों से एसईसीएल की नीतियों के खिलाफ अपने वैध अधिकारों — जैसे नौकरी और अनुकंपा नियुक्ति — के लिए संघर्षरत हैं।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला एसईसीएल के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि वे अब भू-विस्थापितों के अधिकारों को और अधिक समय तक अनदेखा नहीं कर सकते। इस निर्णय से उच्च न्यायालय का आदेश यथावत रहेगा और न्याय की जीत हुई है।
ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने एसईसीएल प्रबंधन से आग्रह किया है कि वे माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हुए, प्रभावित भू-विस्थापितों को उनका संपूर्ण अधिकार तत्काल प्रदान करें।
समिति ने कहा है कि—
“हम अपने हक़ और न्याय की लड़ाई आगे भी जारी रखेंगे, जब तक ऊर्जाधानी के हर भू-विस्थापित को उसका अधिकार नहीं मिल जाता।”



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