(CG ई खबर – विजय चौहान – बिलासपुर संभाग ब्यूरो चीफ)
कोरबा, 28 नवंबर 2025। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक के नेतृत्व में बुधवार को कोरबा कलेक्टोरेट के सभा कक्ष में 11वीं जनसुनवाई आयोजित की गई। महिलाओं से जुड़े उत्पीड़न, दहेज, परिवारिक विवाद, संपत्ति और सामाजिक मुद्दों पर आधारित कई प्रकरणों की सुनवाई की गई। मौके पर आई पीड़ित महिलाओं की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए आयोग ने आवश्यक निर्देश जारी किए और त्वरित न्याय दिलाने की पहल की।
मुख्य बिंदु :
● आयोग की 354वीं राज्यस्तरीय जनसुनवाई
यह जनसुनवाई प्रदेश स्तर पर आयोजित होने वाली 354वीं सुनवाई थी, जिसमें विभिन्न जिलों से पहुंचे प्रकरणों का निराकरण किया गया।
● आवास रजिस्ट्री विवाद का बड़ा मामला
सुनवाई के दौरान दीनदयाल एलआईजी हाउसिंग के एक मकान की रजिस्ट्री से संबंधित मामला विशेष रूप से चर्चा में रहा।
- आवेदिका की मां ने वर्ष 2014 में मकान खरीदा था और कब्जा भी मिल चुका था।
- विक्रेता ने ₹2 लाख नकद और ₹3.50 लाख चेक के रूप में राशि प्राप्त करने की बात स्वीकार की थी।
- बाद में चेक क्लियर न होने का दावा करते हुए रजिस्ट्री से इंकार किया गया।
आयोग ने विक्रेता के इस दावे को असत्य पाया और इसे गंभीर मामला मानते हुए अगली सुनवाई के स्पष्ट निर्देश जारी किए।
● अगली सुनवाई के निर्देश
आयोग ने मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2026 में करने का निर्णय लिया है।
- विक्रेता (अनावेदक) को 23 दिसंबर 2015 के चेक के साथ सखी सेंटर में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए।
- आवेदिका को अपनी बैंक स्टेटमेंट प्रस्तुत करनी होगी।
● आवारा कुत्तों को भोजन कराने की शिकायत
जनसुनवाई में आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थानों पर भोजन कराने को लेकर भी विवाद सामने आया।
आयोग ने दोनों पक्षों को समझाइश देते हुए निर्देश दिया कि रात के समय सार्वजनिक स्थानों पर आवारा पशुओं को भोजन न कराया जाए, ताकि स्थानीय लोगों को असुविधा न हो।
● पुरुष उत्पीड़न के मामलों पर भी सुनवाई
आयोग ने स्पष्ट किया कि घरेलू हिंसा और उत्पीड़न के मामलों में पुरुषों की शिकायतों की भी सुनवाई की जाती है।
हालांकि पुरुष सीधे आवेदन नहीं दे सकते — उनके परिवार की कोई महिला सदस्य उनकी ओर से आवेदन दे सकती है।
न्याय के प्रति आयोग की संवेदनशील पहल
इस जनसुनवाई के माध्यम से महिला आयोग ने जिले की महिलाओं और उनके परिवारों की समस्याओं को प्राथमिकता से सुनते हुए त्वरित, प्रभावी और संवेदनशील समाधान देने का प्रयास किया। जनसुनवाई में पहुंचे कई मामलों में मौके पर ही उचित निर्देश जारी कर पीड़ित पक्ष को राहत पहुंचाई गई।
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