भोपाल (CG ई खबर) : मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले से धर्मांतरण का मामला सामने आया है। आनन-फानन में पुलिस और प्रशासन की टीम एक मिशनरीज गुरुकुल में पहुंची और करीब तीन घंटे तक जांच की। शुरुआती जांच में अधिकारियों ने माना कि लगाए गए धर्मांतरण के आरोपों में कुछ तथ्य सही पाए गए हैं, हालांकि पूरी जांच जारी है।
यह पूरा मामला ग्वालियर के बड़ागांव इलाके का है, जहां एक मिशनरीज सेंटर में 26 बच्चों को धार्मिक शिक्षा दी जा रही थी। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचे तो पता चला कि ये बच्चे मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्रों के अलावा ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और केरल से लाए गए थे।
मामले के खुलासे के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और विरोध जताया। वहीं, क्रिश्चियन समाज की ओर से इस पूरे प्रकरण पर अलग पक्ष रखा गया है।
हालांकि, पुलिस और प्रशासन ने इसे फिलहाल सीधे धर्मांतरण से जुड़ा मामला मानने से इनकार किया है, लेकिन कई सवाल अभी भी बाकी हैं —
- क्या इस मिशनरी हाउस को स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग देने की मान्यता थी?
- बच्चों को यहां लाने का उद्देश्य क्या था?
- और क्या किसी संस्था की आड़ में धार्मिक शिक्षा दी जा रही थी?
इन सवालों के बीच राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई है। इससे पहले सागर जिले में भी हिंदू परिवारों के पलायन की खबर ने बवाल मचाया था। अब ग्वालियर में सामने आए इस प्रकरण ने एक बार फिर मध्य प्रदेश में धर्मांतरण के मुद्दे को गरमा दिया है।
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