(CG ई ख़बर - विजय चौहान - बिलासपुर संभाग ब्यूरो चीफ़)
अंबिकापुर, 03 दिसंबर 2025 — उत्तर छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर और आसपास के क्षेत्रों में रेल संपर्क को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर रेल परियोजनाएँ तेजी से आगे बढ़ रही हैं। लोकसभा में सांसद चिन्तामणि महाराज द्वारा पूछे गए अतारांकित प्रश्न के उत्तर में रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी साझा की।
अंबिकापुर क्षेत्र को मिल रही बड़ी रेल सौगात
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर मंडल में अंबिकापुर क्षेत्र की कनेक्टिविटी बढ़ाने हेतु कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ स्वीकृत एवं प्रगति पर हैं।
बोरिडांड–अंबिकापुर (सुरजपुर) दोहरीकरण परियोजना (80 किमी)
- इस महत्वपूर्ण परियोजना पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।
अंबिकापुर–रामानुजगंज–बरवाडीह नई रेल लाइन एवं रामानुजगंज–गढ़वा रोड सहायक लाइन (कुल 262 किमी)
- इन दोनों परियोजनाओं की DPR तैयार कर ली गई है।
सरडेगा–पत्थलगांव–अंबिकापुर नई रेल लाइन (218 किमी)
- इस ambitious परियोजना की DPR भी पूर्ण हो चुकी है।
इन परियोजनाओं से सरगुजा क्षेत्र का रेल संपर्क झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य भारत के कई हिस्सों से और अधिक सुदृढ़ होगा।
रेल बजट में ऐतिहासिक वृद्धि
मंत्री वैष्णव ने बताया कि छत्तीसगढ़ के लिए रेल बजट में पिछले वर्षों की तुलना में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है।
- 2009–14 के दौरान वार्षिक औसत आवंटन : 311 करोड़ रुपये
- 2025–26 में आवंटन : 6,925 करोड़ रुपये
➡ यह 22 गुना वृद्धि है, जो राज्य में तेज़ी से विकसित हो रहे रेल नेटवर्क को दर्शाता है।
रेल लाइन कमीशनिंग में उल्लेखनीय प्रगति
- 2009–14 : सिर्फ 32 किमी नई रेल लाइनें
- 2014–25 : 1,189 किमी रेल लाइनों का कमीशनिंग
➡ यानी 15 गुना ज्यादा, जो रेल अवसंरचना में हुई रफ्तार को दिखाता है।
छत्तीसगढ़ में चल रही 26 रेल परियोजनाएँ
01 अप्रैल 2025 तक राज्य में कुल 26 रेल परियोजनाओं पर कार्य जारी है, जिनमें —
- 6 नई लाइनें
- 20 दोहरीकरण/मल्टीट्रैकिंग परियोजनाएँ
कुल लंबाई : 1,931 किमी
अनुमानित लागत : 31,619 करोड़ रुपये
अब तक 1,023 किमी कार्य पूरा हो चुका है और 16,325 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 26 नए सर्वेक्षण मंजूर
पिछले तीन वर्षों एवं चालू वित्त वर्ष में कुल 3,901 किमी क्षेत्र को कवर करते हुए 26 नए सर्वेक्षणों को मंजूरी मिली है।
ये भविष्य की प्रमुख रेल परियोजनाओं की आधारशिला साबित होंगे।
परियोजनाओं में देरी के कारण और सरकार की प्राथमिकता
मंत्री ने बताया कि कई बार भूमि अधिग्रहण, वन स्वीकृति, मौसम, जनोपयोगी सुविधाओं के स्थानांतरण और कानून-व्यवस्था जैसी स्थितियाँ परियोजनाओं में देरी का कारण बनती हैं।
इसके बावजूद, केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि अंबिकापुर क्षेत्र की सभी प्रमुख रेल परियोजनाओं को प्राथमिकता देकर तेजी से पूरा किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में बढ़ती रेल अवसंरचना से न सिर्फ यातायात सुगम होगा, बल्कि व्यापार, उद्योग और पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी।

