SECL मुख्यालय बिलासपुर में भूविस्थापितों की मांगों पर दो चरणों में हुई बैठक, सभी बिंदुओं पर हुई विस्तृत चर्चा


कोरबा।
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) मुख्यालय, बिलासपुर में ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति की 12 सूत्रीय मांगों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के साथ सीएमडी हरीश दुहन ,डायरेक्टर तकनीकी (पीपी) एन फ्रेंकलिन जयकुमार , डायरेक्टर पर्सनल बिरंचि दास , जीएम भू-राजस्व ,जीएम श्रम शक्ति सहित अन्य सभी विभागों के प्रमुख अधिकारियों के बीच गहन चर्चा हुई।

गौरतलब है कि ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति व गाँव वालो के द्वारा 1 अप्रैल को एसईसीएल मुख्यालय में आक्रोश रैली के साथ जबरदस्त प्रदर्शन में 12 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा गया था। 16 अप्रैल 2025 को एसईसीएल की कोरबा,दीपका,कुसमुंडा,मानिकपुर और रायगढ़ क्षेत्र के खदानों में अभूतपूर्व और एतिहासिक आंदोलन किया गया था। इस दिन ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति गाँव वालो ने बता दिया था की एकता क्या होती है, एक ही दिन एक साथ खदान बंद होने व कोयला परिवहन बंद हो जाने से एसईसीएल प्रबन्धन को आंदोलन के आगे झुकना पड़ा था। जिसके पश्चात बिलासपुर SECL मुख्यालय में प्रबंधन को ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के साथ उच्च स्तर की बैठक करने पर विवश होना पड़ा।

बैठक की अध्यक्षता सीएमडी हरीश दुहन ने की। उनके साथ डायरेक्टर तकनीकी (पीपी) एन. फ्रेंकलिन जयकुमार, डायरेक्टर पर्सनल बिरंचि दास, जीएम भू-राजस्व, जीएम श्रम शक्ति सहित अन्य विभागों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक दो चरणों में संपन्न हुई, जिसमें समिति द्वारा उठाए गए सभी बिंदुओं पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।

ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने अपनी 12 सूत्रीय मांगों के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को भी बैठक में रखा। इन मांगों में मुआवज़े, पुनर्वास, रोजगार, स्वास्थ्य सुविधाएं और स्थानीय विकास से जुड़े विषय प्रमुख रहे। बैठक में विभिन्न माँगो पर चर्चा किया गया जिसमें।

  • कोल इंडिया पालिसी के स्थान पर केंद्रीय पुनर्वास नीति 2013 को लागू करने के लिए पहल की जाएगी ताकि बेहतर पुनर्वास व रोजगार की व्यवस्था किया जा सके ।
  • जमीन के छोटेखातेदार व भूमि अर्जन के बाद जन्म ,पुराने रोजगार के लंबित मामलों का निराकरण के लिए लीगल ओपिनियन के बाद उचित कार्यवाही की जाएगी ।
  • वन एवं शासकीय भूमि पर बने मकानों की जांच होगी व उन्हें भी सामूहिक अधिकार सुनिश्चित करने के लिए द्वारा जांच कराई जाएगी अन्याय नही होने दिया जाएगा ।
  • भूविस्थापित व प्रभावितों के लिए आउटसोर्सिंग कंपनियों (बाहरी कंपनी) में 80% भर्ती के लिए एनआईटी में संशोधन किया जाएगा ।
  • स्वयं सहायता समूह और भूविस्थापित कोपरेटिव सोसायटी के लिए कौशल उन्नयन कार्यक्रम संचालित की जाएगी तथा स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए सहयोग किया जाएगा ।
  • भूविस्थापित (PAP) ठेका कार्यों को 5 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने पर सहमति प्रदान की गई ।

  • पुनर्वास ग्रामो में सर्वे कराया जाएगा और विकास कार्य कराए जाएंगे ।
  • जिला खनिज न्यास मद की राशि को प्रभावित ग्रामो में पंचायत के माध्यम से कराए जाने के लिए एसईसीएल जिला प्रशासन को प्रस्ताव बनाकर भेजेगी ।
  • अमगांव के रोजगार से वंचित लोंगो को 5 लाख दिलाने के लिए क्षेत्र स्तर पर जांच कर कार्यवाही की जाएगी ।
    मूल किसानो के मुआवजा में कटौती नही की जाएगी ,कट ऑफ डेट के बाद बने मकानों के मुआवजा निर्धारण में मूल किसानो को नुकसान नही होगा ।
  • भूविस्थापितों पर अनावश्यक कानूनी कार्यवाही न हो तथा उनकी माँगो पर प्रतिमाह समस्या समाधान शिविर आयोजित किये जायेंगे ।
  • रैखिक सबन्ध और तीसरी पीढ़ी के बाद रोजगार बंद कर दिए जाने की नीति में भी संशोधन किए जाने के लिए कार्यवाही किया जाएगा ।


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