लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला, विकास की आड़ में दबाई जा रही आवाज़ें?


04 मई (CG ई ख़बर) 
रायगढ़ जिले में प्रशासनिक कार्यशैली को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। घरघोड़ा SDM रमेश मोर पर ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों और पत्रकारों को धमकाने के गंभीर आरोप लगे हैं। यह विवाद तमनार क्षेत्र के गोढ़ी से कसडोल तक चल रहे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्माण कार्य से जुड़ा है, जिसे जिंदल पावर लिमिटेड द्वारा CSR फंड से संचालित किया जा रहा है।

स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क चौड़ीकरण के नाम पर किसानों की उपजाऊ जमीन जबरन अधिग्रहित की जा रही है, जबकि उन्हें उचित मुआवजा या जानकारी तक नहीं दी गई। जब जनप्रतिनिधियों और पत्रकारों ने इस कार्य से संबंधित लागत, प्रक्रिया और मुआवजे की जानकारी मांगी, तो SDM ने फोन पर FIR की धमकी दे दी।



एक ग्राम प्रतिनिधि ने नाराज़गी जताते हुए कहा, "हमने सिर्फ सवाल पूछे थे, हमें अपराधी बनाया जा रहा है। यह लोकतंत्र की हत्या है।"

SDM रमेश मोर ने अपने बचाव में कहा है कि उन्होंने केवल अपने प्रशासनिक दायित्वों का पालन किया है और किसी को धमकाने का उनका कोई इरादा नहीं था।

फिलहाल, मामले ने प्रशासन और उद्योग के गठजोड़ को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग, जनप्रतिनिधि और मीडिया जांच की मांग कर रहे हैं और देखना होगा कि राज्य सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।


यह घटना जनसुनवाई की पारदर्शिता और प्रशासन की जवाबदेही पर एक गंभीर बहस छेड़ रही है।

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