दामाद ने बेटा बनकर पाई नौकरी, फर्जीवाड़ा उजागर – SECL गेवरा में बड़ा खुलासा

इमेज /घुंचापुर

कटघोरा, घुंचापुर (CG ई खबर छत्तीसगढ़ राज्य ब्यूरो चीफ ओम प्रकाश पटेल): 
कटघोरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम घुंचापुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें नारायण सिंह नामक व्यक्ति ने अपने ससुर होरी सिंह के पुत्र बनकर SECL गेवरा प्रोजेक्ट में नौकरी हासिल कर ली। यह पूरा मामला तब सामने आया जब होरी सिंह का असली बेटा संतोष सिंह सामने आकर न्याय की गुहार लगाने लगा।

जानकारी के अनुसार, होरी सिंह के बेटे संतोष सिंह ने SECL गेवरा में आवेदन देते हुए यह दावा किया कि नारायण सिंह वास्तव में उनका जीजा है, न कि पुत्र। उसने SECL से मांग की, कि नारायण सिंह को नौकरी से बर्खास्त किया जाए और उसे, जो कि असली पुत्र है, उसे नौकरी दी जाए।

हमारी टीम द्वारा जब इस पूरे प्रकरण की तह तक जाकर साक्ष्य जुटाए गए, तो यह स्पष्ट रूप से सामने आया कि नारायण सिंह होरी सिंह का दामाद है। नारायण सिंह और उसकी पत्नी ने इस विषय में मीडिया से बात करने से इंकार कर दिया, हालांकि नारायण सिंह की पत्नी ने यह ज़रूर कहा कि “मेरे पति को मेरे पिता ने गोद लिया है और उसी आधार पर उन्हें नौकरी दी गई है।”

लेकिन इस बात ने मामला और उलझा दिया। यदि नारायण सिंह को होरी सिंह ने गोद लिया, तो वह क़ानूनी रूप से उनके पुत्र हुए। ऐसे में नारायण सिंह और उनकी पत्नी रिश्ते में भाई-बहन हुए — फिर उन दोनों की आपस में शादी कैसे हो गई? यह गंभीर सामाजिक और क़ानूनी सवाल है, जिससे इस पूरे घटनाक्रम में फर्जीवाड़े की बू आती है।

जांच के दौरान टीम को कुछ प्रारंभिक दस्तावेज़ीय साक्ष्य भी प्राप्त हुए, जो इस ओर इशारा करते हैं कि नारायण सिंह ने सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी कागजात का सहारा लिया है। वहीं असली हकदार — होरी सिंह का पुत्र — संतोष सिंह आज भी न्याय और अधिकार के लिए दर-दर भटक रहा है।

SECL पर उठते सवाल:

  • क्या SECL ने नौकरी देने से पहले सही तरीके से पारिवारिक सत्यापन किया था?
  • क्या गोदनामा दिखाकर नौकरी लेना क़ानूनी रूप से पर्याप्त है?
  • क्या इस तरह की घटनाएं अन्य परियोजनाओं में भी सामने आ रही हैं?

जनहित में मांग:

इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए, और यदि फर्जीवाड़ा साबित होता है तो नारायण सिंह के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही, असली पात्र को उसका हक़ दिलाया जाए। यह केवल एक व्यक्ति की लड़ाई नहीं, बल्कि सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध जन आवाज़ है।

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