कोरबा। (CG ई खबर | प्रमुख संपादक : ओम प्रकाश पटेल) : ग्राम नरईबोध गोलीकांड की 28वीं बरसी के अवसर पर 11 अगस्त को भूविस्थापित एकजुटता दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान किसान सभा ने नरईबोध स्थित गोपाल-फिरतु विद्यालय में श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर दोनों शहीदों को नमन किया और रोजगार एवं बसावट की मांग को लेकर संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में शहीद गोपाल दास की पत्नी बृंदा बाई और पुत्र रमेश दास विशेष रूप से उपस्थित रहे। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव प्रशांत झा ने संबोधन में कहा कि 11 अगस्त 1997 को एसईसीएल कुसमुंडा खदान के लक्ष्मण परियोजना के लिए हो रहे शांतिपूर्ण विरोध के दौरान पुलिस ने गोलीबारी की थी, जिसमें गोपाल और फिरतु दास की मौत हो गई थी और कई ग्रामीण घायल हुए थे। आरोप है कि उस समय की कांग्रेस सरकार, प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन की मिलीभगत से निर्दोष 29 ग्रामीणों पर ही कार्रवाई की गई।
किसान सभा के नेता दीपक साहू ने कहा कि विकास के नाम पर विस्थापित परिवारों की स्थिति आज और भी बदतर हो चुकी है। कोयला उत्खनन के लिए हजारों एकड़ भूमि अधिग्रहित होने के बावजूद प्रभावित परिवारों को रोजगार और पुनर्वास से वंचित रखा गया है। खानापूर्ति के तहत कुछ परिवारों को ही लाभ मिला, जबकि आज भी हजारों विस्थापित अपनी वैध मांगों के लिए संघर्षरत हैं।
सभा में विद्यालय के प्राचार्य जनकराम साहू, किसान सभा के दीपक साहू, जय कौशिक, दामोदर श्याम, सुमेंद्र सिंह कंवर, रमेश दास, विवेक दास, भीम दास, राजू दास, मंतोष दास, मंगली बाई, अघन बाई, सुमन महंत, जान कुंवर सहित बड़ी संख्या में विद्यालय के छात्र और ग्रामीण उपस्थित थे।