रायपुर/कोरबा | CG ई खबर : छत्तीसगढ़ में FLN-PMU भर्ती घोटाले की गूंज थमने का नाम नहीं ले रही। पहले ही भ्रष्टाचार और पैसों के लेन-देन को लेकर कई सवाल उठ चुके हैं, वहीं अब स्थानांतरण के नाम पर भी पैसे लेकर मनमानी करने का मामला उजागर हुआ है।
प्रमुख आरोपों के घेरे में हैं:
एम. सुधीश – प्रोजेक्ट मैनेजर, समग्र शिक्षा
ऋषि पांडे – एपीसी, रायपुर
देवेंद्र पटेल – कंप्यूटर ऑपरेटर
नया मामला – कोरबा से सुकमा और फिर शक्ति का खेल
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डीपीएमयू भाषा (PMU) पद पर सरोज कुमार साहू, जिन्होंने कोरबा जिले में विधिवत रूप से मार्च 2025 में नियुक्ति ली, उन्हें बिना किसी विभागीय आदेश के शक्ति उसके बाद सुकमा ट्रांसफर कर दिया गया।
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वहीं नीता साहू, जो सुकमा में एक माह पहले ही जॉइन हुई थीं, उन्हें रायगढ़ निवासी होने के कारण ‘सुविधा’ देते हुए शक्ति भेज दिया गया।
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और ममता सोनी, जो शक्ति में नियुक्त थीं लेकिन एक माह तक जॉइन नहीं कीं, उन्हें भी बिना आदेश के कोरबा पदस्थ कर दिया गया।
यह सब सिर्फ कंपनी के मेल के जरिए किया गया – जबकि अब तक कोई शासकीय आदेश विभाग द्वारा जारी नहीं किया गया है।
दबाव, धमकी और तबादले का खेल
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सरोज साहू ने जब शासकीय आदेश की मांग की, तो उन्हें धमकाया गया –
"अगर शक्ति नहीं गए तो तुम्हारा टेबल कुर्सी फेंकवा देंगे।"
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27 मार्च को ऋषि पांडे के फोन से धमकी भरा कॉल आया –
"आपका ट्रांसफर सुकमा हो गया है।"
लेन-देन की पुष्टि और पुरानी घटनाएं सूत्रधार अनुसार
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यह कोई पहला मामला नहीं है –
2023 में भी सरोज साहू का ट्रांसफर कोरबा से गरियाबंद किया गया था, और फिर रिकवेस्ट करने पर वापिस कोरबा लाया गया। -
बलरामपुर के संदीप जायसवाल को भी इसी प्रकार सुकमा ट्रांसफर कर दिया गया, जिन्होंने आखिरकार नौकरी ही छोड़ दी।
नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं
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नई कंपनी ABM Knowledware Ltd. को मात्र 4 माह का रिन्यूअल दिया गया, लेकिन उसी बीच
बिना विभागीय आदेश के ट्रांसफर मेल भेजे गए। -
कंपनी HR ने स्पष्ट कहा:
"जो समग्र शिक्षा रायपुर कहता है, हम वैसा करते हैं।"
सरोज साहू की पीड़ा और मांग
"मैंने कई बार समग्र शिक्षा कार्यालय जाकर न्याय मांगा,
लेकिन हर बार मुझे धमकाया गया, नजरअंदाज किया गया।
आज तक मेरे सुकमा ट्रांसफर का कोई आदेश नहीं आया,
और मेरी कोरबा वापसी के लिए कोई सुनवाई नहीं हुई।"
जनहित में मांग: सख्त जांच और कार्यवाही
सरोज कुमार साहू और अन्य पीड़ितों की ओर से माननीय मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से अपील की गई है कि –
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स्थानांतरण और पदस्थापना में हो रहे घोटालों की CBI या EOW जांच करवाई जाए।
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भ्रष्ट अधिकारियों पर निलंबन सहित कठोर कार्रवाई की जाए।
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योग्य व पात्र अभ्यर्थियों को न्याय मिले और व्यवस्था में पारदर्शिता लाई जाए।
CG ई खबर इस संवेदनशील मुद्दे को पूरी गहराई से उठाता रहेगा। शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।