रायपुर (CG ई खबर) छत्तीसगढ़ की समग्र शिक्षा परियोजना के अंतर्गत FLN-PMU भर्ती घोटाले का मामला दिन-ब-दिन गंभीर होता जा रहा है। पैसे लेकर अपात्रों को नियुक्ति, बिना शासकीय आदेश के स्थानांतरण, और न्याय मांगने वाले कर्मियों को प्रताड़ित करने जैसे आरोपों के घेरे में होने के बाद भी, अब तक जांच शुरू नहीं होना, खुद में एक बड़ा सवाल बन गया है।
जांच में देरी: जनहित की अनदेखी या भ्रष्टाचारियों को संरक्षण?
- 2.5 से 3 लाख तक की रिश्वत लेकर अपात्रों को नौकरी
- बिना किसी शासकीय आदेश पात्र कर्मियों को जानबूझकर प्रताड़ित कर मनमाने तरीके से ट्रांसफर
- कंपनी मेल के आधार पर नियुक्ति और ट्रांसफर, बिना सरकारी आदेश
अब तक का घटनाक्रम:
- भर्ती घोटाले की शिकायत राज्य कार्यालय समग्र शिक्षा रायपुर को लिखित रूप में दी जा चुकी है।
- मामला मीडिया में कई बार उजागर हो चुका है।
- प्रोजेक्ट मैनेजर एम. सुधीश, एपीसी ऋषि पांडे, और देवेंद्र पटेल पर भ्रष्टाचार, लेनदेन, पदस्थापना में हेरफेर जैसे गंभीर आरोप लग चुके हैं।
अब उठते हैं ये सवाल –
- क्या शासन-प्रशासन जानबूझकर इस जांच को टाल रहा है?
- क्या दोषी अधिकारी उच्च पदों पर होने के कारण राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कर रहे हैं?
- क्यों अब तक कोई FIR या अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हुई?
- क्या योग्यता के आधार पर भर्ती होना अब बीते ज़माने की बात है?
- क्या योग्य उम्मीदवारों को प्रताड़ित करना ही छत्तीसगढ़ की शिक्षा नीति बन चुकी है?
जनता और पीड़ितों की मांग –
- CBI या EOW से स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच तुरंत शुरू हो।
- सभी दोषी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से पद से हटाया जाए।
- भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए और नियुक्तियां केवल मेरिट के आधार पर हों।
CG ई खबर का सवाल –
जब साक्ष्य स्पष्ट हैं, शिकायत दर्ज है, फिर भी जांच क्यों लंबित है?
कौन बचा रहा है इन अधिकारियों को?
क्या सरकार सिर्फ बयानबाज़ी तक सीमित रह गई है?
CG ई खबर इस गंभीर विषय पर लगातार नज़र बनाए हुए है। यदि समय रहते जांच नहीं हुई, तो यह मामला आने वाले चुनावों में बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।