कोरबा/कुसमुंडा//सीजी ई खबर: साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) ने गेवरा गांव की अधिग्रहित भूमि के मुआवजे के लिए ₹299,29,42,842 (दो सौ निन्यानवे करोड़ उन्तालीस लाख बयालीस हजार आठ सौ बयालीस रुपये मात्र) की राशि स्वीकृत करने का प्रस्ताव जारी किया है। यह राशि 503.261 हेक्टेयर (1243.557 एकड़) भूमि के लिए देय है, जिसे कुसमुंडा ओपनकास्ट प्रोजेक्ट (KOCP) हेतु CBA (A&D) अधिनियम, 1957 के तहत अधिग्रहित किया गया था।
पृष्ठभूमि:
गेवरा गांव की कुल 503.261 हेक्टेयर भूमि को कोयला खनन कार्य हेतु CBA (A&D) Act, 1957 के अंतर्गत अधिसूचित किया गया था।
- धारा 4(i) की अधिसूचना: 13 मई 2014
- धारा 7(i) की अधिसूचना: 20 जुलाई 2015
- धारा 9(i) की अधिसूचना: 18 जुलाई 2018
- धारा 11(i) की अधिसूचना: 6 सितंबर 2018
इन अधिसूचनाओं की प्रतियां परिशिष्ट-1 में संलग्न की गई हैं।
भूमि मुआवजा RFCTLAAR अधिनियम 2013 की अनुसूची-1 और CIL पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन नीति 2012 की धारा 8.1(1)(A) के अनुसार निर्धारित किया गया है।
उक्त नीति के अनुसार —
“भूमि मुआवजा संबंधित अधिनियम अथवा राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार दिया जाएगा। यदि राज्य सरकार द्वारा दर निर्धारित नहीं की गई हो, तो संबंधित सहायक कंपनी का बोर्ड पड़ोसी राज्यों में दिए गए मुआवजे को ध्यान में रखते हुए दर निर्धारित करेगा। इसके अलावा पारंपरिक अधिकारों की प्रमाणिकता राज्य प्राधिकरण द्वारा सत्यापित की जाएगी।”
साथ ही अधिनियम के अनुसार सोलाटियम (अतिरिक्त राशि) एवं ब्याज (एस्केलेशन) का भुगतान भी किया जाएगा, जो अधिकतम तीन वर्षों की अवधि के लिए 12% वार्षिक दर से लागू होगा।
मंत्रालयीय स्वीकृति:
भूमि मुआवजा निर्धारण भारत सरकार के कोयला मंत्रालय द्वारा जारी पत्र संख्या F.No.43020/25/2015-LA & IR दिनांक 30.03.2018 के अनुसार किया गया है। यह प्रस्ताव एसईसीएल के 624वें निदेशक मंडल की बैठक (आइटम नं. 624.12) में अनुमोदित किया गया था और इसका संप्रेषण पत्र संख्या SECL/BSP/L&R/Bhumi Nirdharan Vidhi/562 दिनांक 27/29.09.2017 के माध्यम से किया गया।
निष्कर्ष:
एसईसीएल के इस प्रस्ताव से गेवरा गांव के भूमि स्वामियों को लंबे समय से लंबित मुआवजे की प्रक्रिया को गति मिलने की उम्मीद है। कुल ₹299.29 करोड़ की राशि स्वीकृति के बाद भुगतान के लिए आगे भेजी जाएगी।


